मुलैठी का चूर्ण २० ग्राम + अश्वगंधा का चूर्ण २० ग्राम + विधारा चूर्ण १० ग्राम ; इन सबको कस कर घोंट लीजिये और फिर इस मिश्रित चूर्ण में से तीन ग्राम मात्रा लेकर सिद्ध मकरध्वज एक रत्ती(१२५ मिलीग्राम) मिला कर मिश्री मिले दूध के साथ दिन में दो बार भोजन के बाद लीजिये।
मन्मथ रस एक गोली + पानी में भिगो कर छिलका निकाला इमली के बीज जिसे चियां या चिंचोका भी कहते हैं १ ग्राम पीसा हुआ + दो ग्राम गुड़ मिला कर सुबह शाम दूध से लीजिये।औषधि सेवन काल में सम्भोग से परहेज करिये फिर चालीस दिन बाद जब आपकी समस्या हल हो जाए तो आप सामान्य जीवन जियें। कब्जियत न होने दें आवश्यकता होने पर त्रिफ़ला चूर्ण ले लीजियेगा।
शतावर ४० ग्राम + गोखरू ४० ग्राम + कुलंजन ४० ग्राम + विदारीकंद ४० ग्राम + कौंच(केवांच) के बीज ४ ग्राम + उटंगन के बीज ४ ग्राम + छोटी पीपल ४ ग्राम + छोटी इलायची के बीज ४ ग्राम + नागकेशर ४ ग्राम + सफेद मूसली ४ ग्राम + लाल चंदन ४ ग्राम + छरीला ४ ग्राम + गिलोय(गुळवेल)सत्व ४ ग्राम + वंशलोचन ४ ग्राम + मोचरस १० ग्राम ; इन सबको आप किसी भी आयुर्वेद के दवा विक्रेता से सरलता से ले सकते हैं इन्हें पीस कर सुबह शाम गाय के दूध से दो-दो चम्मच सेवन करें तथा उसके बाद १० ग्राम नारियल की गरी चबा लें।
अश्वगंधा चूर्ण,चीनिया कपूर, खुरासानी अजवायन, जायफ़ल, जावित्री, अकरकरा,बच, शुद्ध भांग, रस सिंदूर ; इन सबको सात-सात ग्राम की मात्रा में लेकर कसकर घोंट लें। इन्हें पचास ग्राम मिश्री पीस कर मिला लें। इस मिश्रण को चार-चार ग्राम की मात्रा में रात में भोजन के बाद मलाई मिला कर चाट लीजिये और अगर मिल सके तो ऊपर से एक मूली खा लीजिये।
वानरी गुटिका एक गोली + स्वर्णबंग एक रत्ती(१२५ मिग्रा)+ कौंचा पाक एक चम्मच मिला कर दिन में दो बार चाट लें ऊपर से दूध पी लीजिये।
यकीन मानिये कि चार दिन बाद आप खुद ही मुझे मेल करके धन्यवाद कर रहे होंगे कि चमत्कार हो गया। औषधि सेवन तीन माह तक करें व सेवन काल में मिर्च-मसाले व खटाई का सेवन न करें,मांसाहार बंद कर दें।